शेर और चूहे की कहानी | Sher Aur Chuha Ki Kahani | motivational story in hindi

शेर और चूहे की कहानी ऐसी है जिससे सबको सिख लेनी चाहिए. शेर और चूहे एक ही रहते थे। एक जंगल में एक शेर रहता था. शेर काफी घमडी था. हमेसा अपने से छोटे जानवरों का हमेसा मजाक उड़ाता रहता था. जंगल के जानवर उस शेर से काफी परेशान हो गए थे. सभी जानवरों ने सोचा की इसे सबक सिखाना जरुरी है. शेर को ये बात पता चल गयी. तभी शेर ने छोटे जानवरों में अटैक करना सुरु दिया. कई जानवरों को उसने मार दिया और घायल कर दिया।

शेर और चूहे
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सभी जानवरों ने शेर को सबक सिखाने के लिए उसके रास्तों में गड्डा बनाना सुरु कर दिया। गड्डा खोदने में चूहों ने भी बड़ा योगदान दिया. सोचता था की वो तो उस जंगल का राजा है. उसका कोई क्या बिगाड़ पायेगा. सभी जानवरों ने बड़े बड़े गड्डा खोद दिया. सभी गड्डे शेर जिस रस्ते से आता जाता था उसी रास्ते में खोदे. दूसरे जानवरों ने अपने साथियों को उस रास्ते से जाने से मना कर दिया।

शेर और चूहे की कहानी

एक दिन शेर उसी रस्ते से अपना शिकार करने निकला। शेर उसी रस्ते से जा रहा था जहां पे गड्डे खोदे गए थे. गड्ढे इतने बड़े बड़े थे की शेर को गिरने के बाद बहुत ही मुश्किल था निकलना. और शेर जैसे ही उस रस्ते से गुजरा और वो एक गड्डे मे गिर गया. शेर गड्डे में गिरने के बाद बहुत कोशिश की बाहर निकलने की लेकिन कामयाब नही हुआ.

दिन बीतते रहे किसी ने हेल्प नहीं की. ३ दिन हो गए बिना खाये पिए गड्डे में तड़प रहा था. मदद के लिए पुकारता रहा लेकिन कोई भी आगे नहीं आया. शेर बहुत तड़प था बिना खाये पिए. तभी उसका रोना सुनके एक चूहा आया. शेर इतना घमंडी था की छोटे जानवरों को कुछ समझाता था.

तभी वो चूहे को देख के सोचा की ये चूहा मेरी क्या मदद करेगा. चूहे को शेर की दशा देख बहुत दया आ रही थी. गड्डे के बाजु में एक छोटी सी नदी थी. नदी में पूरा पानी भरा था. चूहे ने उस नदी से छोटी नाली उस गड्डे तक बनाया जिस गड्डे में शेर गिरा था. धीरे धीरे पानी उस गड्डे तक आने लगा और शेर भी पानी के साथ ऊपर आने लगा.

धीरे धीरे गड्डा पानी से गया. और शेर ऊपर आ गया. शेर की जान उस चूहे ने बचाया. चूहे को देख उसे बहुत शर्मिंदगी महसूस हुई और अपने गलतियों पे पसतावा लगा.शेर ने चूहे का बहुत धन्यवाद किया। उसके बाद से शेर सभी के साथ मिलजुल कर रहने लगा. आगे जाके शेर और चूहे की कहानी एक मिसाल बन गयी बन गयी.

इस कहानी से ये सिख मिलती छोटे को कभी छोटा नहीं समझना चाहिए क्योकि हर किसी का अपने जगह महत्व है.

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